हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने शुक्रवार को श्रम एवं रोजगार विभाग की समीक्षा बैठक में महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार औद्योगिक, विद्युत और पर्यटन इकाइयों में स्थानीय युवाओं को रोजगार सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्री ने सभी निजी औद्योगिक इकाइयों में हिमाचलियों के लिए 80 प्रतिशत रोजगार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस दिशा में सरकार ने कौशल विकास भत्ता योजना के तहत 51,587 बच्चों को 22.90 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की है। इसके अलावा, बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत 18,404 लाभार्थियों को 16.83 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने उद्योगों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत, राज्य में स्थापित होने वाले उद्योगों में हिमाचलियों को 80 प्रतिशत रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस पहल की घोषणा करते हुए कहा कि इससे न केवल स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा। इसके अलावा, सरकार ने उद्योगों को स्थानीय स्तर पर कुशल श्रमिकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों की शुरुआत करने की भी योजना बनाई है। यह कदम न केवल बेरोजगारी कम करने में सहायक होगा, बल्कि हिमाचल के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
हर्षवर्धन चौहान ने राज्य के रोजगार कार्यालयों के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया भी साझा की, जिससे अब पंजीकरण और नवीनीकरण ऑनलाइन हो सकेगा। उन्होंने निजी नियोक्ताओं को ‘ईमिस पोर्टल’ पर रिक्तियों का विवरण अपलोड करने के लिए भी प्रेरित किया। इसके साथ ही, मंत्री ने श्रम कानूनों के प्रभावी कार्यान्वयन की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिल सकें।