हिमाचल प्रदेश में पिछले साल आई भयंकर बरसात के बाद हुए नुकसान के लिए राज्य सरकार ने 9020 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की थी। हालांकि, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इस क्लेम को लेकर कई शर्तें लगाई हैं, जिनसे मुआवजे की प्रक्रिया में देरी हो सकती है। वित्त मंत्रालय का कहना है कि प्रभावित परिवारों को मुआवजा स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फंड (SDRF) के तहत दिया जाएगा, और विभागीय नुकसान के लिए और अधिक दस्तावेज़ीकरण की आवश्यकता है। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा पहले दिए गए पैकेज की री-इंबर्समेंट भी केंद्र से नहीं होगी। अब यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार इस मुआवजे के लिए “लूज मनी” नहीं प्रदान करेगी, और जल शक्ति विभाग की परियोजनाओं को बहाल करने के लिए कुछ वित्तीय मदद मिल सकती है। ऐसे में हिमाचल को ज्यादा आर्थिक राहत मिलने की उम्मीद कम होती जा रही है।
हिमाचल प्रदेश को केंद्र से 9000 करोड़ रुपये के आपदा मुआवजे में मुश्किलें आ रही हैं। वित्त मंत्रालय ने पोस्ट डिजास्टर नीड्स एसेसमेंट (PDNA) के तहत मुआवजा क्लेम पर दो अहम आपत्तियां उठाई हैं। एक तरफ मंत्रालय ने एसडीआरएफ के तहत मुआवजा देने की बात कही है, वहीं दूसरी तरफ विभागीय नुकसान का क्लेम स्वीकार करने के लिए रेवेन्यू डिटेल्स की मांग की है। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा दिए गए पैकेज की री-इंबर्समेंट भी नहीं की जाएगी। अब केंद्र से ज्यादा आर्थिक मदद की उम्मीद कम होती दिख रही है।