शिक्षा मंत्री ने 9वीं से 12वीं कक्षा वाले स्कूलों से अधिशेष (सरप्लस) शिक्षकों की सूची मांगी है, जिन्हें अन्य स्कूलों में भेजा जाएगा। इस फैसले का मकसद शिक्षकों का समान वितरण सुनिश्चित करना है, ताकि जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, वहां उनकी पूर्ति की जा सके। यह कदम छात्रों की शिक्षा को बेहतर बनाने और शिक्षा प्रणाली को अधिक प्रभावी ढंग से चलाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
हिमाचल प्रदेश में अब प्राइमरी और मिडल स्कूलों के बाद हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में भी शिक्षकों का युक्तिकरण (रैशनलाइजेशन) शुरू किया जा रहा है। नवीं से बारहवीं कक्षा वाले स्कूलों में यदि जरूरत से ज्यादा शिक्षक नियुक्त हैं, तो उन्हें अन्य स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने उच्च शिक्षा निदेशालय से इसी माह के भीतर अधिशेष (सरप्लस) शिक्षकों की सूची प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, जिन हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में पांच से कम विद्यार्थी हैं, उन्हें मर्ज करने पर भी विचार किया जा रहा है।