हिमाचल प्रदेश के मुख्य संसदीय सचिव (CPS) मामले में अब सुनवाई की तारीख आगे बढ़ने की संभावना है। पहले सोमवार को सुनवाई की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की सूची में 617 मामलों के बीच यह मामला शामिल नहीं है। हाई कोर्ट ने CPS नियुक्तियों को असंवैधानिक घोषित करते हुए संबंधित एक्ट 2006 को रद्द कर दिया था। इसके बाद राज्य सरकार ने इस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन दाखिल की है।
भाजपा नेता बलवीर वर्मा ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दी है। भाजपा ने न केवल हटाए गए छह CPS, बल्कि कैबिनेट रैंक वाले तीन अन्य विधायकों को भी हटाने की मांग की है। इससे विवाद और बढ़ गया है।
इस बीच, विधानसभा में हंगामे के आरोपों में फंसे भाजपा के नौ विधायकों का मामला भी विधानसभा अध्यक्ष के पास लंबित है। इन मुद्दों के चलते प्रदेश में राजनीतिक तनाव और गहराने की संभावना बनी हुई है।