राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि भारतीय जीवन दर्शन में नर सेवा को ही नारायण सेवा माना गया है। उन्होंने टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक भिक्षु जामयांग की सराहना की, जिन्होंने अपनी टीम के साथ झुग्गी झोपड़ी के बच्चों और उनके परिवारों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि जब कोई व्यक्ति दृढ़ संकल्प करता है, तो वह बड़े से बड़ा काम कर सकता है।
बुधवार को सराह में टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट के 20वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित वार्षिक समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल ने कहा कि ट्रस्ट ने झुग्गी झोपड़ी के निवासियों के जीवन में स्थायी बदलाव लाने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को एक प्रभावी साधन बनाया है।
नशे के खिलाफ चलाए गए अभियान की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि ट्रस्ट ने नशे की बुराई के खिलाफ एक प्रभावी अभियान चलाया है। इसका सकारात्मक असर यह हुआ कि बच्चों ने नशे से दूरी बनाई और जिनके अभिभावक नशे की लत में थे, उन्होंने भी इसे छोड़ दिया।