हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 27 अगस्त से शुरू होकर 9 सितंबर तक चलेगा। इस सत्र के दौरान कुल 936 सवाल पूछे जाएंगे, जिनमें 640 तारांकित और 296 अतारांकित सवाल शामिल हैं। इसी बीच, सोमवार को विधानसभा स्पीकर द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष का कोई भी नेता शामिल नहीं हुआ, जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई है।
उद्योग एवं संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन ने विपक्ष की गैरमौजूदगी को “दुर्भाग्यपूर्ण” करार देते हुए कहा कि सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाना एक परंपरा रही है। स्पीकर सभी दलों को बुलाते हैं ताकि हर पक्ष अपनी बात रख सके, लेकिन इस बार भाजपा की तरफ से कोई भी नेता बैठक में शामिल नहीं हुआ। हर्षवर्धन ने कहा कि स्पीकर का कार्यालय दलगत राजनीति से ऊपर होता है और सदन में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की जाती है। इस बार मानसून सत्र को पांच से छह दिन की बजाय दस दिन तक रखने का फैसला इसलिए लिया गया है ताकि हर सदस्य को अपनी बात रखने का मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी सकारात्मक सुझाव का स्वागत करेगी और इसे लागू करने के लिए तैयार है।