एचआरटीसी प्रबंधन अभी तक कर्मचारियों को उनकी नियुक्ति के अनुरूप कार्य सौंपने पर कोई ठोस निर्णय नहीं ले पाया है। सूत्रों के अनुसार, फील्ड और दफ्तरों में तैनात कर्मचारियों का पूरा डाटा प्रबंधन के पास उपलब्ध है। हालांकि, दफ्तरों से कर्मचारियों को फील्ड में तैनात करने की पूर्व घोषणा पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। मंगलवार को होने वाली निदेशक मंडल की बैठक में इस विषय पर चर्चा की संभावना है, क्योंकि उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने इस दिशा में निर्देश दिए थे।
सूत्रों का कहना है कि यदि दफ्तरों से कर्मचारियों को फील्ड में भेजा जाता है, तो दफ्तरों का कामकाज बाधित हो सकता है। नई भर्तियां करने में भी मुश्किलें हैं, क्योंकि पहले से ही बड़ी संख्या में कर्मचारी निगम के पास उपलब्ध हैं। वर्तमान में कई ड्राइवर और कंडक्टर टिकट काउंटर, एनसीपीसी कार्ड बनाने, पेट्रोल पंपों और दफ्तरों में क्लर्क का काम कर रहे हैं। ऐसे करीब 500 कर्मचारी गैर-परंपरागत भूमिकाएं निभा रहे हैं।
प्रबंधन ने समस्या की पूरी जानकारी जुटा ली है, लेकिन इसे लागू करने में कई अड़चनें हैं। चर्चा के बाद ही तय होगा कि बदलाव किया जाएगा या मौजूदा व्यवस्था जारी रहेगी। इसके अलावा, बस अड्डों के संचालन में भी कई कर्मचारी तैनात हैं, जिससे प्रबंधन पर अतिरिक्त दबाव है।