कांगड़ा समाचार: टीसीपी में शामिल करने के विरोध में उतरे पंचायत प्रतिनिधि

टीसीपी में शामिल करने के विरोध में उतरे पंचायत प्रतिनिधि

धर्मशाला। प्रदेश सरकार द्वारा 20 अगस्त को जारी अधिसूचना के अनुसार, धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के 22 गांवों को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीसीपी) के अंतर्गत लाया गया है। इसके बाद से ग्रामीण और पंचायत प्रतिनिधि इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं। मंगलवार को ढगवार पंचायत भवन में पासू, शीला, ढगवार, मनेड, सुक्कड़, और चैतड़ू सहित विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों ने बैठक आयोजित कर इस फैसले का विरोध किया।

बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि एक-दो दिनों में डीसी कांगड़ा के माध्यम से प्रदेश सरकार को ज्ञापन भेजा जाएगा, जिसमें मांग की जाएगी कि इन पंचायतों और गांवों को टीसीपी से बाहर किया जाए। प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की, तो वे ग्रामीणों के साथ मिलकर प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना है कि सरकार ने गांवों को टीसीपी में शामिल करने से पहले न तो किसी से सलाह ली और न ही कोई जानकारी साझा की।

सरकार और टीसीपी के अधिकारियों की ओर से ग्रामीणों या पंचायत प्रतिनिधियों से कोई अनुमति तक नहीं ली और इस बारे कोई जानकारी दी है, जो सरासर गलत है और टीसीपी में शामिल होने के विरोध में हैं।

– सवरूप कुमार, वार्ड पंच, पासू पंचायत

– ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोगों के पास इनती जमीन नहीं है कि वे भवन बनाने के लिए टीसीपी की गाइडलाइंस को पूरा कर सके। सरकार इस निर्णय को जल्द वापस लें, नहीं को इसके खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा।
– मलकीत सिंह, प्रधान, मनेड पंचायत

– ग्रामीण इलाकों में कई लोगों की जमीन का मुसतरिका इकट्ठा है और जमीन भी कई लोगों के पास प्रयाप्त नहीं है। ऐसे में न तो लोगों के नक्शे पास हो पाएंगे और न भवन बन जाएंगे। लोगों को केवल परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
– सुषमा देवी, प्रधान, ढगवार पंचायत

– टीसीपी में पहले जिन गावों को शामिल किया गया है, वहां पर आज दिन तक लोगों के बिजली के मीटर तक नहीं लग पाए हैं। लोगों को यहां-वहां भटकना पड़ रहा है। साथ ही अपने घर बनाने के लिए भी फीस देनी होगी, जो सरासर गलत है।
– विपिन कुमार, उपाध्यक्ष, पंचायत समिति धर्मशाला

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