अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता क्रिस एल्म्स: तिब्बतियों के मानवाधिकारों का समर्थन करता है अमेरिका

अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता क्रिस एल्म्स: तिब्बतियों के मानवाधिकारों का समर्थन करता है अमेरिका

नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता क्रिस्टोफर एल्म्स ने कहा कि अमेरिका तिब्बती लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा का समर्थन करता है। क्रिस्टोफर एल्म्स धर्मशाला दौरे पर हैं और मैक्लोडगंज में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जब दलाई लामा अपने उपचार के लिए अमेरिका में थे, तो अमेरिकी सरकार के तिब्बती मुद्दों के विशेष समन्वयक उजरा जेया और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के वरिष्ठ निदेशक ने उनसे मुलाकात की थी। इस बैठक में जेया ने दोहराया कि अमेरिका तिब्बती लोगों के मानवाधिकारों, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, भाषाई, और धार्मिक विरासत को संरक्षित करने के अपने प्रयासों को जारी रखेगा, और तिब्बती अधिकारों के संरक्षण के कानून की भावना का समर्थन करता रहेगा।

अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता क्रिस्टोफर एल्म्स ने धर्मशाला दौरे के दौरान कहा कि अमेरिका तिब्बती लोगों के मानवाधिकारों की सुरक्षा और उनकी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, भाषाई और धार्मिक विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि जब तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा अमेरिका में अपने उपचार के लिए थे, तो अमेरिकी सरकार के तिब्बती मुद्दों के विशेष समन्वयक उजरा जेया और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के वरिष्ठ निदेशक ने उनसे मुलाकात की थी। इस बैठक में अमेरिकी सरकार का संदेश दोहराया गया कि वे तिब्बतियों के अधिकारों का समर्थन करते हैं।

एल्म्स ने यह भी कहा कि अमेरिका की दीर्घकालिक नीति तिब्बत को चीन का हिस्सा मानने की रही है, लेकिन वे पीआरसी (चीन सरकार) और दलाई लामा या उनके प्रतिनिधियों के बीच सीधी बातचीत की उम्मीद कर रहे हैं,

अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता क्रिस्टोफर एल्म्स ने धर्मशाला में कहा कि अमेरिका तिब्बती लोगों के मानवाधिकारों का समर्थन करता है और उनकी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, भाषाई और धार्मिक विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। एल्म्स ने बताया कि अमेरिकी सरकार के तिब्बती मुद्दों के विशेष समन्वयक उजरा जेया और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के वरिष्ठ निदेशक ने दलाई लामा से अमेरिका में मुलाकात की थी, जिसमें अमेरिका ने तिब्बतियों के अधिकारों की रक्षा की अपनी नीति दोहराई।

एल्म्स ने यह भी कहा कि अमेरिका तिब्बत को चीन का हिस्सा मानते हुए, पीआरसी और दलाई लामा के बीच सीधी बातचीत की पुरजोर वकालत करता है, जो पिछले 13 वर्षों से नहीं हुई है। उन्होंने चीनी सरकार के तिब्बत के इतिहास पर दुष्प्रचार को खारिज करते हुए कहा कि तिब्बत का विशिष्ट इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर संरक्षित किया जाना चाहिए, जिसे अमेरिकी सरकार अपने नियमित मानवाधिकार रिपोर्ट में उठाती रहती है।

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