हिमाचल प्रदेश विधानसभा सत्र के दौरान उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने नदियों और खड्डों के तटीकरण के 11 प्रोजेक्ट तो मंजूर कर दिए हैं, लेकिन 2,531 करोड़ रुपये का बजट जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि ब्यास नदी के तटीकरण के लिए 3000 करोड़ रुपये की आवश्यकता है, जिसके लिए जल्द ही नया प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा। इस मुद्दे को विधायक सुरेश कुमार, राकेश कालिया, भुवनेश्वर गौड़, हंसराज और अनुराधा राणा ने सदन में उठाया। मुकेश ने बताया कि इन परियोजनाओं का कार्य तभी शुरू हो सकेगा जब केंद्र से सहायता प्राप्त होगी।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वह और मुख्यमंत्री दिल्ली जाने के लिए तैयार हैं, और नेता प्रतिपक्ष को भी उनके साथ जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि सीर खड्ड के तटीकरण के लिए 157 करोड़ रुपये की जरूरत है। केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के लिए तो पूरा बजट आवंटित किया, लेकिन तटीकरण, सीवरेज और ड्रेनेज परियोजनाओं के लिए कोई बजट नहीं दिया गया। हिमाचल में प्राकृतिक आपदा से भारी नुकसान हुआ है, और सरकार चाहती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह हिमाचल आकर खुद ब्यास नदी की स्थिति देखें। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का रवैया इस मामले में सही नहीं है और विपक्ष के सहयोग के बिना कुछ नहीं हो सकता।
उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि तटीकरण के प्रोजेक्ट न केवल बाढ़ नियंत्रण के लिए आवश्यक हैं, बल्कि इससे राज्य के आर्थिक और पर्यावरणीय हित भी जुड़े हैं। बरसात के मौसम में ब्यास नदी और अन्य खड्डों में आई तबाही से प्रदेश को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार से अपेक्षित सहयोग न मिलने से प्रदेश में कई विकास परियोजनाएं अटकी पड़ी हैं। यदि समय रहते बजट नहीं मिलता, तो आगामी बरसात में और अधिक नुकसान हो सकता है। उन्होंने विपक्ष से इस मुद्दे पर राजनीति से ऊपर उठकर राज्य के हित में सहयोग करने की अपील की।