सोमवार सुबह भाजपा विधायक दल ने विधानसभा अध्यक्ष के व्यवहार पर चर्चा की और डेढ़ बजे विपक्ष ने नियम 274 के तहत अध्यक्ष को पद से हटाने की मांग की। पहले विपक्ष ने नियम 67 के तहत वित्तीय स्थिति पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया था। सदन के भीतर, विपक्ष ने बोलने का मौका मांगा, लेकिन अध्यक्ष ने केवल प्रश्नकाल की व्यवस्था दी। इसके बाद, विपक्ष ने नारेबाजी शुरू कर दी और अंततः सदन से वाकआउट कर दिया। बाहर आकर, विपक्ष ने अध्यक्ष के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई और नियम 274 और 67 के तहत चर्चा न होने पर असंतोष व्यक्त किया।
सदन से वॉकआउट करने के बाद परिसर में मीडिया से बातचीत के दौरान नेता विपक्ष ने कहा कि सोमवार दोपहर को भाजपा विधायक दल ने नियम 274 के तहत सचिव को प्रस्ताव सौंपकर अध्यक्ष को पद से हटाने की मांग की। नियम अनुसार जब ऐसा प्रस्ताव देते हैं तो अध्यक्ष आसन छोड़ देते हैं, सदन का संचालन नहीं करते। अध्यक्ष स्वयं को नियम के मामले में सदन से ऊपर मानते हैं। ज्ञान के मामले में तो उन्हें लगता है कि किसी को भी ज्ञान नहीं है। सोमवार को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व भाजपा विधायक विपिन सिंह परमार ने नियमों का हवाला देकर बात रखने की कोशिश की तो उन्हें मंजूरी नहीं दी। हो सकता है कि बात सुनी जाती तो मामला सुलझ जाता।