शिमला शहर में अब तहबाजारी (बिजनेस या वाणिज्यिक उपयोग के लिए सरकारी अनुमति) की मंजूरी केवल एक परिवार के एक सदस्य को ही दी जाएगी। इस नए नियम के तहत, परिवार के अन्य सदस्य इस मंजूरी के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे। यह परिवर्तन प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है।
शिमला में अब तहबाजारी (वाणिज्यिक लाइसेंस) की मंजूरी केवल एक परिवार के एक सदस्य को दी जाएगी, जिससे प्रक्रिया में सादगी और पारदर्शिता लाने की कोशिश की जा रही है। इस नए नियम के तहत, अगर किसी परिवार के एक सदस्य को पहले से तहबाजारी की मंजूरी मिली है, तो अन्य सदस्य इस अनुमति के लिए आवेदन नहीं कर सकते। इस बदलाव से उम्मीद है कि प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी और अव्यवस्थित प्रक्रियाओं को कम किया जा सकेगा।
बिना पहचान पत्र सामान बेचने पर लगेगा दो हजार रुपये जुर्माना
अमर उजाला ब्यूरो
शिमला। राजधानी के बाजारों में अब एक ही परिवार के चार से पांच सदस्य अपनी दुकानें नहीं सजा सकेंगे। नगर निगम एक परिवार से एक सदस्य को ही तहबाजारी की मंजूरी देगा। इसके लिए बाकायदा उसे पहचान पत्र जारी किया जाएगा।
इसके बावजूद यदि परिवार के बाकी सदस्य अपनी दुकानें सजाते हैं तो उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। पहली बार दो हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नगर निगम के अनुसार शिमला शहर में अभी कई परिवार ऐसे हैं जिनके दो से तीन सदस्य तहबाजारी चला रहे हैं। कई जगह परिवार के चार से पांच सदस्यों की दुकानें भी हैं। शहर के लोअर बाजार, रामबाजार, रिवोली मार्केट, लक्कड़ बाजार और सब्जी मंडी में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। नगर निगम सदन में पार्षदों ने भी इस मुद्दे को उठाया था। इसके बाद फैसला लिया गया है कि अब परिवार से एक सदस्य को ही नगर निगम तहबाजारी पहचान पत्र जारी करेगा। इससे शहर में तहबाजारियों की संख्या भी कम होगी और सड़कों से अतिक्रमण भी कम होगा। नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने कहा कि अब परिवार से एक सदस्य का ही पंजीकरण होगा। उसे नगर निगम की ओर से पहचान पत्र जारी होगा।