Himachal के हालिया सर्वे में यह राय सामने आई है कि घाटे में चल रहे बोर्डों और कारपोरेशनों को बंद कर देना चाहिए। सर्वे के अनुसार, ऐसे संस्थानों की वित्तीय स्थिति लगातार खराब हो रही है और वे जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर रहे हैं।
सर्वे में भाग लेने वाले लोगों ने सुझाव दिया कि इन घाटे में चल रहे बोर्डों और कारपोरेशनों के बंद होने से संसाधनों की बर्बादी रोकी जा सकती है और प्रशासनिक खर्चों में कटौती हो सकती है। इसके अलावा, इससे सरकार के फंड का उपयोग अधिक प्रभावी तरीके से किया जा सकेगा।
सर्वे में इस विषय पर विचार करते हुए, यह भी माना गया कि बंद किए गए संस्थानों के कर्मचारियों के लिए पुनःस्थापन या अन्य रोजगार के विकल्प प्रदान किए जाएं, ताकि उनके जीवन में असुविधा न हो।
यह सर्वे इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जो सरकार और नीति निर्माताओं को घाटे में चल रहे संस्थानों के भविष्य पर विचार करने के लिए प्रेरित कर सकता है।