डिप्टी रेंजर और फॉरेस्ट गार्ड पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

डिप्टी रेंजर और फॉरेस्ट गार्ड पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?

प्रदेश हाई कोर्ट ने वन विभाग के डिप्टी रेंजर धर्म पाल और फोरेस्ट गार्ड विजय कुमार के कर्तव्यों में लापरवाही बरतने के मामले में केवल जुर्माना वसूलने की सजा देने पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने विभाग से पूछा है कि इन दोषी कर्मियों के खिलाफ केवल जुर्माना लगाने के बजाय बड़े दंड की सजा क्यों नहीं दी गई, और सीसीएस नियम 1965 के तहत कोई विभागीय कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी पूछा कि इन कर्मियों के खिलाफ वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारी पर कोई जांच क्यों नहीं की गई, जबकि जांच के दौरान उनके नाम उजागर हुए थे।

कोर्ट ने फोरेस्ट रेस्ट हाउस चैल चौक मंडी के पास सैकड़ों पेड़ों के कटान को गंभीरता से लिया है और पूछा कि जब इतने पेड़ कट रहे थे, तो वन विभाग ने तत्काल कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा कि फोरेस्ट रेस्ट हाउस के साथ के बड़े क्षेत्र को बिना विभाग की जानकारी के कैसे खाली कर दिया गया और काटे गए पेड़ों की जगह नए पौधे क्यों नहीं लगाए गए।

इस मामले में स्थानीय निवासी राजू द्वारा मुख्य न्यायाधीश को भेजे गए पत्र पर भी संज्ञान लिया गया है, जिसमें डीएफओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। कोर्ट ने वन विभाग को 30 सितंबर तक इन सभी मुद्दों पर स्पष्टीकरण देने का आदेश जारी किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *