एचआरटीसी हमीरपुर डिवीजन ने तीन दर्जन से अधिक घाटे वाले बस रूट सरेंडर कर दिए हैं। निगम को इन रूटों पर लंबे समय से वित्तीय नुकसान हो रहा था, जिससे अब इन रूटों पर निजी बस ऑपरेटरों को बसें चलाने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, बस ऑपरेटरों को निगम की नई शर्तों का पालन करना होगा।
सरकार ने रूट आबंटन के लिए कई नई शर्तें लागू की हैं, जिनमें बीएस-6 बसों की अनिवार्यता और ई-बसों का विकल्प शामिल है। यदि एक रूट के लिए एक से अधिक आवेदन आते हैं, तो रूटों का आबंटन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। केवल बोनोफाइड हिमाचली ही आवेदन कर सकते हैं। रूटों का आबंटन आरटीए की बैठक में नियमानुसार किया जाएगा।
एचआरटीसी ने इन घाटे वाले रूटों को सुधारने के लिए सभी संभावित प्रयास किए, लेकिन निगम इन रूटों को लाभकारी में नहीं बदल सका।
एचआरटीसी के मुताबिक, घाटे वाले रूटों की स्थिति सुधारने के लिए विभिन्न उपाय किए गए थे, लेकिन उनकी सफलता सीमित रही। निगम ने लागत कम करने और यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए कई योजनाएं बनाई, फिर भी इन प्रयासों ने पर्याप्त सुधार नहीं दिखाया। अब इन रूटों को निजी बस ऑपरेटरों के हवाले कर दिया गया है, जिनसे उम्मीद है कि वे बेहतर प्रबंधन और सेवा के साथ इन रूटों को फायदे में लाने में सक्षम होंगे। नए नियम और शर्तें इन रूटों की पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए लागू की गई हैं, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा मिल सके।