हिमाचल प्रदेश ने संपत्ति जब्त करने का प्रावधान लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह प्रावधान उन मामलों में लागू होगा जहाँ संपत्ति के स्रोत को लेकर कानूनी अनियमितता या भ्रष्टाचार के संदेह होते हैं। यह कदम भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों पर काबू पाने के उद्देश्य से उठाया गया है। मुख्यमंत्री के अनुसार, यह नयी व्यवस्था राज्य में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने में मदद करेगी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश को अवैध और नकली शराब के मामलों में संपत्ति जब्त करने का प्रावधान लागू करने वाला देश का पहला राज्य बताया है। उन्होंने हाल ही में राज्य विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम 2011 में संशोधन की जानकारी दी।
इस संशोधन के तहत अब अवैध शराब के धंधे में शामिल लोगों, उनके रिश्तेदारों और सहयोगियों की संपत्तियाँ जब्त की जा सकेंगी। इसके अलावा, इन अपराधों को संज्ञेय और गैर-जमानती बना दिया गया है, जिससे इन पर सख्ती से कार्रवाई की जा सके। नया कानून नाबालिगों को शराब बेचना और उन्हें इस काम के लिए इस्तेमाल करने को भी गंभीर अपराध मानता है, और इसके लिए जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान करता है।
इन नए प्रावधानों का उद्देश्य अवैध शराब की गतिविधियों पर नियंत्रण पाना और सजा के स्तर को बढ़ाना है, ताकि इन अपराधों पर प्रभावी ढंग से काबू पाया जा सके।