हिमाचल प्रदेश के एक क्षेत्र में अवैध तरीके से जहरयुक्त खाद्य पदार्थों का कारोबार चलाए जाने का मामला सामने आया है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने छापेमारी कर इस रैकेट का पर्दाफाश किया। जानकारी के अनुसार, इस क्षेत्र में कुछ लोग खाद्य पदार्थों में हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल कर रहे थे, जिससे लोगों की सेहत को गंभीर खतरा था।
खुफिया सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई में कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया, और जहर युक्त पदार्थों को जब्त किया गया। प्रशासन ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
इस घटना ने खाद्य सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर किया है। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे हमेशा मान्यता प्राप्त स्रोतों से ही खाद्य पदार्थ खरीदें और किसी भी संदिग्ध उत्पाद से दूर रहें।
जिला हमीरपुर के बड़सर क्षेत्र से लिए गए सरसों तेल का सैंपल फेल हो गया है। यह सरसों तेल एक कंपनी का था, जिसमें मिनरल ऑयल की मात्रा अधिक पाई गई। खाद्य सुरक्षा विभाग को बड़सर से शिकायत मिली थी कि यहां के सरसों तेल में मिलावट की जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए विभाग की टीम ने तेल के सैंपल भरे थे। हाल ही में प्राप्त रिपोर्ट में यह तेल “अनसेफ” की श्रेणी में पाया गया है। अब विभाग द्वारा इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
जिला खाद्य सुरक्षा विभाग हमीरपुर को हाल ही में बड़सर क्षेत्र से एक शिकायत मिली थी कि एक कंपनी का सरसों का तेल असुरक्षित हो सकता है और इसमें मिलावट की आशंका है। शिकायत के बाद विभागीय टीम ने निरीक्षण किया और संबंधित कंपनी के सरसों तेल के सैंपल लिए। कंपनी को भी सूचित किया गया कि लोगों ने तेल की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं, जिसके चलते कंपनी ने अपना स्टॉक वापस मंगवा लिया।
अब प्राप्त रिपोर्ट में सरसों तेल का सैंपल फेल पाया गया है। विभाग अब कंपनी द्वारा वितरित किए गए तेल की जानकारी जुटाएगा और यह पता करेगा कि कितना तेल इस्तेमाल किया गया है। सहायक आयुक्त अनिल शर्मा ने बताया कि कंपनी से सरसों तेल के वितरण का रिकॉर्ड मांगा जाएगा और इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।