हाल ही में एक कार्यक्रम में अरोड़ा ने कहा कि बच्चों को उचित शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि जो ज्ञान उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त किया है, उसे बच्चों तक पहुंचाना उनका प्राथमिक लक्ष्य है।
अरोड़ा ने इस बात पर जोर दिया कि सही मार्गदर्शन और शिक्षा से बच्चों का विकास संभव है और उन्हें समाज में अपनी पहचान बनाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने स्थानीय स्कूलों और शिक्षकों से अपील की कि वे बच्चों को प्रेरित करें और उन्हें अच्छे संस्कारों से संपन्न बनाएं।
कार्यक्रम में अरोड़ा ने बच्चों को प्रशिक्षण के लाभों के बारे में जागरूक किया और उनसे आग्रह किया कि वे हमेशा सीखने की इच्छा बनाए रखें। उनका मानना है कि शिक्षा समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का सबसे बड़ा साधन है।
प्रशिक्षण संस्थान ऊना (देहलां) में चल रहा वोकेशनल ट्रेनर का पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुक्रवार को समाप्त हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाइट प्रिंसिपल राकेश अरोड़ा थे, जिन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले ट्रेनर्स को प्रमाणपत्र प्रदान किए।
राकेश अरोड़ा ने प्रशिक्षित ट्रेनर्स को निर्देशित किया कि वे शिविर में सीखी गई जानकारियों को बच्चों तक अवश्य पहुंचाएं। जिला समन्वयक मनीष पटियाल ने बताया कि यह प्रशिक्षण शिविर 16 सितंबर से प्रारंभ हुआ था और 20 सितंबर तक चला।
इस शिविर में मीडिया एंड एंटरटेनमेंट और प्लंबिंग ट्रेड के ट्रेनर्स ने भाग लिया। पांच दिनों के दौरान, स्कूलों में वोकेशनल शिक्षकों को आने वाली समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई। इसके साथ ही शिक्षकों को एसएसए, आरएमएसए, पीएफएमएस सहित अन्य विषयों पर भी जानकारी दी गई।
इस अवसर पर राकेश शर्मा, संजीव ठाकुर, राज कुमार, जिला समन्वयक जगमोहन शर्मा, दूनी चंद सहित लगभग 28 वोकेशनल ट्रेनर्स उपस्थित रहे।