पर्यावरणविद सोनम वांगचुक ने कहा है कि लद्दाख हिमालय के संरक्षण और लोकतंत्र की बहाली के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने यहां के विकास कार्यों पर रोक लगा दी है, और कहा कि यदि सरकार अपने संरक्षण के वादों को पूरा नहीं करती, तो लद्दाख की जनता झुकने के लिए तैयार नहीं है।
वांगचुक ने हिमाचल प्रदेश में फोरलेन निर्माण के दौरान पहाड़ों की अंधाधुंध कटाई पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि विकास की इस दौड़ में संतुलन बनाए रखना आवश्यक है और पहाड़ों में आने वाले पर्यटकों को भी इस संतोषजनक विकास की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बड़े शहरों के लोग पहाड़ों में पर्यटन के लिए आ रहे हैं, जिसके कारण जलवायु परिवर्तन की गति तेज हो गई है। वांगचुक ने मंडी में पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि लद्दाख में केवल सड़कों का निर्माण हो रहा है, जबकि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर कम होते जा रहे हैं।
सोनम वांगचुक ने स्पष्ट किया कि उनकी पदयात्रा राजनीतिक नहीं है, और उन्होंने कई राजनीतिक पार्टियों के चुनाव लड़ने के दबाव का भी सामना किया है, लेकिन वह राजनीति से दूर रहना चाहते हैं। शनिवार को उनकी पैदल यात्रा मंडी पहुंची, जहां लोगों ने उनका स्वागत किया।